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हमारी गतिविधियाँ 

पौधारोपण  गतिविधियां 

अनेक स्थानों पर पंचवटी, नवग्रह, नक्षत्र आदि वैदिक वाटिकाओं की स्थापना की गई है। अपना संस्थान द्वारा केवल पौथे, निःशुल्क उपलब्ध कराये जाते हैं।निःशुल्क ट्री गार्ड 10 से 50 तक किसी संगठन, संस्थान, निकाय आदि को दिये जा सकेंगें जिनका उपयोग कलस्टर में अपने कार्य क्षेत्र में करना होगा। दीवार या नालों से 2 फिट की दूरी पर ही पौधारोपण करें ताकि अतिक्रमण ना हो। ट्री गार्ड व पौधों की सुरक्षा कम से कम 2 वर्ष तक अवश्य करना चाहिए। प्रति वर्ष मार्च से जून तक पौधों को पानी पिलाने की सुव्यवस्था हो।राजस्थान सरकार के वन विभाग द्वारा गत 3 वर्षो में न्यूनतम मूल्य पर अपना संस्थान को पौधे उपलब्ध कराये गये हैं।

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जल संचयन

भीलवाड़ा में जल संरक्षण व संचयन का कार्य वर्ष 2002 से किया जा रहा है। वर्ष 2010 से संघ के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर जल संरक्षण/ संचयन का कार्य अब तक भीलवाड़ा, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, दौसा, जयपुर आदि जिलों में 690 स्थानों पर किया जा चुका है। संस्थान द्वारा अनेक स्थानों पर पक्षियों के लिए परिंडो एवं पक्षी घरों ( घोसलों ) ' का वितरण भी किया गया है।

जल संचयन

पर्यावरण गोष्ठी

विशेषज्ञों के अनुसार फलभक्षी पक्षी 80 प्रतिशत समाप्त हो गये हैं। जैव विविधता के लिए विभिन्‍न प्रकार के फलदार पौधे अधिकाधिक लगाने की आवश्यकता है। संस्थान ने तय किया है कि पौधारोपण का न्यूनतम 20 प्रतिशत, फलदार पौधों का किया जाएगा ताकि पक्षियों को पूरे वर्ष भर पर्याप्त भोजन उपलब्ध हो सके।

पर्यावरण गोष्ठी

भारतीय नववर्ष

भारतीय नववर्ष चेत्र शुक्ला प्रतिपदा को सृष्टि दिवस के रूप में स्थापित करने के लिए अपना संस्थान द्वारा विभिन्‍न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। संवबत्‌ 2075 ( वर्ष 2018 ) प्रतिपदा पर भीलवाड़ा में नववर्ष व पर्यावरण की थ्रीम पर आधारित तीन दिवसीय "अपना नववर्ष-अपना मेला " लगाया गया जिसमें 15 महिला संगठनों सहित 50 सामाजिक संगठनों का सहयोग रहा। इसमें 11 प्रकार की ऑनलाईन प्रतियोगिताओ के साथ - साथ विभिन्‍न प्रकार के 45 स्वदेशी खेलों की स्पर्धा भी हुई। नववर्ष की पूर्व संध्या पर भीलवाड़ा जिले में 30000 किट वितरित करके अपने घर के बाहर रंगोली बनाने की भी ऑनलाईन प्रतियोगिता की गई। नमामि भारत की ओर से 1000 वाहनों की रैली निकाली गई। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में लेजर शो, महाराणा प्रताप पर आधारित फिल्म का प्रदर्शन, लोक नृत्य, नाटिकायें, फिल्‍म ठक्कुराईन का प्रोमो शो, जादूगर के निःशुल्क शो, योगा प्रदर्शन आदि हुए। मेले में 50000 से अधिक आम नागरिकों की उपस्थिति रही।

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