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जोजवा गाँव में अब अपना संस्थान और FES की साझा पहल के साथ, चरागाह विकास और जैविक खेती को मिलेगा एक नया आयाम

Updated: Apr 7




भीलवाड़ा अपना संस्थान और फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी ने जोजवा में करीब 100 बीघा चरागाह भूमि का सीमांकन किया। इस पहल के माध्यम से, उन्होंने गाँव के लोगों के लिए एक सामूहिक परियोजना की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य भूमि संरक्षण और वृक्षारोपण को बढ़ावा देना है। मनरेगा के तहत पौधे और घास लगाने का संकल्प लिया गया है, ताकि गाँव के लोगों को न केवल रोजगार का अवसर मिले, बल्कि वे पर्यावरण संरक्षण में भी सक्रिय भागीदार बन सकें। सरपंच चांदमल कुमावत, तिलोक छाबड़ा, विनोद मेलाना, शंकर माली, और शांतनु सिन्हा राय इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में उपस्थित थे और उन्होंने इस पहल का समर्थन किया। चरागाह विकास समिति के गठन की सहमति दी गई, जिससे यह पहल गाँव की समृद्धि और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

इस पहल के माध्यम से, भीलवाड़ा अपना संस्थान और फाउंडेशन ने एक नए पहलू को जोजवा में शुरू किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य गाँव के लोगों को पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय बनाना है। इस परियोजना के द्वारा, भूमि संरक्षण और वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए गए हैं। यह पहल न केवल गाँव के वातावरण को सुधारने में मदद करेगी, बल्कि इससे स्थानीय लोगों को भी नए रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। सरपंच चांदमल कुमावत, तिलोक छाबड़ा, विनोद मेलाना, शंकर माली, और शांतनु सिन्हा राय जैसे स्थानीय नेताओं ने इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का समर्थन किया है और चरागाह विकास समिति के गठन की सहमति दी है। इससे स्थानीय समुदाय के साथ साझेदारी को मजबूती मिलेगी और गाँव की समृद्धि और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक सामूहिक पहल उभर सकती है।

इस पहल के द्वारा, भीलवाड़ा अपना संस्थान और फाउंडेशन ने गाँव के लोगों के लिए एक सामूहिक परियोजना की शुरुआत की है, जिसका मुख्य उद्देश्य भूमि संरक्षण और वृक्षारोपण को बढ़ावा देना है। इस परियोजना के द्वारा, गाँव के लोगों को पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय बनाने के लिए कदम उठाए गए हैं। यह पहल गाँव के वातावरण को सुधारने में मदद करेगी और स्थानीय लोगों को नए रोजगार के अवसर प्रदान करेगी। सरपंच चांदमल कुमावत, तिलोक छाबड़ा, विनोद मेलाना, शंकर माली, और शांतनु सिन्हा राय जैसे स्थानीय नेताओं ने इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का समर्थन किया है और चरागाह विकास समिति के गठन की सहमति दी है। इससे स्थानीय समुदाय के साथ साझेदारी को मजबूती मिलेगी और गाँव की समृद्धि और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक सामूहिक पहल उभर सकती है।



 
 
 

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